‘बेपरवाह’ धड़कने ठहर सी गयी है ,
जो मेरे कदमो की आहट उनके अहाते में हुई |
(C) अविनाश ‘बेपरवाह’
‘बेपरवाह’ नज़र से नज़र मत मिलाना,
नज़र जो लग गयी, नज़ारे बदल जायेंगे |
(C) अविनाश ‘बेपरवाह’
पूछा किसी ने ‘बेपरवाह’ मुस्कुराहटों का वजह तो बता दो,
मैंने कहा पराई ख़ुशी है, जिसकी हँसी में सब राज छुपा है|
(C) अविनाश ‘बेपरवाह’
‘बेपरवाह’ हुश्न से दूर रहना, इसके जलवे बहुत है,
आशियाँ उजरे बहुत है, रिश्ते बिखड़े बहुत हैं,
इतिहास पलट कर देखो, इसके बलवे बहुत हैं |
(C) अविनाश ‘बेपरवाह’
मासूमियत है ख़ामोश तस्वीर में | ‘बेपरवाह’ काशिस में मदहोश मत होना ,
होठों के चिलमन में हसीना अंगार लिए बैठी है |
(C) अविनाश ‘बेपरवाह’
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